# आगरा से इंजीनियर पति से मिलने आई पत्नी की मौत

#मेडिकल कॉलेज निर्माण में लगे सुपरवाइजर की भी मौत

धौलपुर: तेज रफ्तार और गलत दिशा में दौड़ते रेत के ट्रैक्टर की चपेट में आने से बाइक सवार एक युवक और युवती की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। घटना हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास की है। पत्नी अपने पति से मिलने आगरा से धौलपुर आईं थीं। घटना से गुस्साए लोगों ने रात में धौलपुर- कारौली राजमार्ग पर जाम लगा दिया। जिसे एडिशनल एसपी वचन सिंह ने लोगों को समझाइश के बाद खुलवाया।

धौलपुर में अवैध चंबल बजरी के दोहन में लगे ट्रैक्टर ट्रॉली साक्षात यमराज का रूप है। पुलिस और प्रशासन की नाक की नीचे से तेज गाने बजाते हुए हाई स्पीड में दौड़ते ट्रैक्टर मौत का दूसरा रूप लगते है। पुलिस और प्रशासन इनके आगे बौने साबित हो रहे है और कानों में उंगली डालकर बैठे है जिसका खामियाजा आम लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। ताजा घटना क्रम में तीन जनवरी रविवार को शाम को धौलपुर की हाउसिंग बोर्ड चौकी के पास गलत दिशा से अा रहे एक रेत के भरे ट्रैक्टर ड्राइवर ने तेजी में ही ट्रैक्टर को मोड़ दिया जिससे उसकी ट्रॉली बगल में जा रहे बाइक पर सवार युवक – युवती पर पलट गई। चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से ट्रॉली को हटवाकर रेत में दबे युवक – युवती को निकलवाया लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। युवक की पहचान मेडिकल कॉलेज के निर्माण में लगे सुपरवाइजर प्रभात ठाकुर के रूप में हुई है जो कंचनपुर थाना क्षेत्र के लालोनी गांव का निवासी था। वहीं युवती की पहचान मेडिकल कॉलेज के निर्माण में लगे इंजीनियर विनोद शर्मा की पत्नी सुनीता के रूप में हुई जो आगरा की रहने वाली है।

मृतका सुनीता आगरा राजपुर चुंगी के पास रहती थी। नई साल पर अपने इंजीनियर पति विनोद शर्मा से मिलने धौलपुर आईं हुई थी। रविवार को विनोद शर्मा अपनी पत्नी को निर्माण हो रहे मेडिकल कॉलेज की दिखाने साइट पर लाए थे। शाम को चार बजे के आसपास साइट पर काम अधिक होने के चलते पत्नी को, साइट पर ही काम कर रहे सुपरवाइजर प्रभात ठाकुर के साथ बाइक से घर भेज दिया। वे लोग हाउसिंग बोर्ड चौकी तक पहुंच ही पाए थे कि रेत से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली की चपेट में अा गए और जिंदगी से हाथ धो बैठे।

पुलिस और प्रशासन रेत माफियाओं पर कड़ाई से रोक लगाए। रोक लगाने में असमर्थ है तो चंबल नदी पर ऐसे पॉइंट निर्धारित करे जहां घड़ियाल नहीं है वहां वैधानिक रूप से रेत निकासी करवाएं जिससे सरकार को रेवेन्यू, लोगों को सस्ता रेत और मौत बनकर दौड़ते इन बजरी से भरे  ट्रैक्टरों पर अंकुश लग सके एवं आम लोग सड़क पर बिना भय के चल सकें।

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