राजस्थान में अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है। एटीएस जयपुर की टीम ने देश में चार अलग अलग ठिकानों पर एक साथ दबिश देकर इस रैकेट से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एडीजी क्राइम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि आईजी बीजू जॉर्ज जोसफ और एसपी विकास कुमार के नेतृत्व में एटीएस की 12 टीमों ने राजस्थान के अजमेर, मध्यप्रदेश के देवास, पंजाब के फाजिल्का और जम्मू में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अजमेर से जुबेर खान, फाजिल्का से विशाल और जम्मू से राहुल को गिरफ्तार किया गया है। 
इन आरोपियों के कब्जे से बड़ी संख्या में फर्जी आर्म लाइसेंस जब्त किए गए हैं। एडीजी उमेश मिश्रा ने बताया कि आर्म्स लाइसेंस बनाने में किसी भी तरह का प्रोसीजर फोलो नहीं किया जाता था। ये आरोपी केवल तीन से चार लाख रुपए लेकर फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाकर हथियार भी उपलब्ध करा देते थे। जम्मू से ऑल इंडिया लाइसेंस कैटेगिरी के फर्जी लाइसेंस बनाये जाते थे। वर्ष 2008 के बाद ऑल इंडिया लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया रोक लगा दी गई है लेकिन आरोपी बैक डेट में लाइसेंस बनाकर देते थे। सभी आरोपियों के पास गन हाउस भी हैं जो कि अवैध है। इनके गन हाउस की लाइसेंस अवधि भी सालों पहले खत्म हो चुकी है। 
एटीएस के आईजी बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि इन आरोपियों ने अब तक ढाई सौ से ज्यादा अवैध लाइसेंस बना कर लाइसेंस और हथियार बैच दिए। फर्जी तरीके से लाइसेंस बनवाने वालों की सूची एटीएस के पास है। इनमें कई आपराधिक व्यक्ति भी शामिल हैं। अवैध लाइसेंस बनाने के लिए जम्मू के कई अधिकारियों की फर्जी मोहरें और अजमेर कलक्टर की फर्जी मोहर भी आरोपियों के पास मिली है। एटीएस ने आरोपियों के सारे दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
राजस्थान पुलिस की यह बड़ी कामयाबी है। लेकिन इस रैकेट के भंडाफोड़ से यह खतरनाक संकेत मिलते है कि किस तरह शांत प्रदेश को अवैध हथियारों का अड्डा बनाया जा रहा है।
*प्रतीकात्मक फोटो

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